Roshan

अभी तक दिल में रोशन हैं तुम्हारी याद के जुगनू
अभी इस राख में चिन्गारियाँ आराम करती हैं

Zakhm

शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।

Yaad

कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्व़ाब आते हैं..
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं…!!