Mausam मौसम बहुत सर्द है…, …चल ऐ दिल…! …कुछ ख्वाहिशों को…, …आग लगाते हैं…!! Share this:TwitterFacebookLike Loading...
Etbaar ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती; न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता; तेरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते; अगर अपनी जिन्दगी का हमें ऐतबार होता। Share this:TwitterFacebookLike Loading...