Muhabbat

जब हम दिल को समझाने लगते है
कि वो हमे कभी नही मिल सकते..
ना जाने क्यों
तब मोहब्बत और ज्यादा होने लगती है..

Izhaar

अच्छा करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करते…

Bewafai

जिसकी मुहब्बत में मरने के लिए तैयार थे हम
आज उसी की बेवफाई ने हमे जीना सीखा दिया

Muhabbat

दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती
ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती

Afsaana

मुहब्बत में मेरी बर्बादी का भी बड़ा अजीब अफसाना था….
दिल के टुकडे-टुकड़े हो गये और लोगों ने कहा वाह क्या निशाना था

Ashiqi

अब क्यों न ज़िन्दगी पे मुहब्बत को वार दें 
इस आशिक़ी में जान से जाना बहुत हुआ