Tasveer पलकों पे लरजते अश्कों में तसवीर झलकती है तेरी. दीदार की प्यासी आँखों को, अब प्यास नहीं और प्यास भी है. Share this:TwitterFacebookLike Loading...
Pyas तू किसी और के लिए होगा समन्दर-ए-इश्क़ फ़राज़ हम तो रोज़ तेरे साहिल से प्यासे गुज़र जाते हैं Share this:TwitterFacebookLike Loading...