इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएँ
क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ
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Rishte
मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से मतलब नही दोस्तों…
कोई दिल से हो मेरा तो बस इक शख्स ही काफी है…
Ishq
इश्क़ बुरी शै सही, पर दोस्तो।
दख्ल न दो तुम, मेरी हर बात में॥
Zakhm
भला आज महिफल शांत कैसे है दोस्तों,
जख्म भर गये या मुहब्बत फिर से मिल गयी..