Muhabbat

हम तो वो हैं जो आँखों में आँखें डाल के सच जान लेते हैं
तुझसे मुहब्बत है बस इसलिये तेरे झूठ को भी सच मान लेते हैं…!

Ishq

उम्र की ढलान पर इश्क हो जाये तो अचरज की बात नही…साहब
गेंद जब पुरानी होती है तो रिवर्स स्विंग लेती है….

Patanga

बेसबब इश्क़ में मरना मुझे मंज़ूर नहीं
शमा तो चाह रही है कि पतंगा हो जाऊँ

Mazak

हमें सताने की ज़रूरत क्या थी,
दिल मेरा जलाने की ज़रूरत क्या थी,
इश्क नही था मुझसे तो कह दिया होता,
मजाक मेरा यूँ बनाने की ज़रूरत क्या थी

Zabt

ज़ब्त से काम लिया दिल ने तो क्या फ़ख़्र करूँ
इसमें क्या इश्क की इज़्ज़त थी कि रुसवा न हुआ

Ishq

उम्र तो सारी क़टी इश्क़-ए-बुताँ में ‘मोमिन’
आखिरी उम्र में क्या खाक मुसलमाँ होंगे