तुम एक तकिये में गीले बालों की भर के ख़ुश्बू
जो आज भेजो…
तो नींद आ जाए, सो ही जाऊँ…
Category: Husn/ Taareef Shayri
Gulabi
कोरे कागज थे और कुछ बिखरे
हुए लफ्ज़ …….
जिक्र तेरा आया और सारे
कागज गुलाबी हो गये
Lub
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए,
हर एक पंखुड़ी गुलाब की सी है ।
Taareef
कुछ आप हसीन है कुछ मौसम रंगीन है…..
तारीफ करूँ या चुप रहूँ , जुर्म दोनो संगीन है !!
Shakl
शक्ल जब बस गई आँखों में तो छुपना कैसा
दिल में घर करके मेरी जान ये परदा कैसा
Palake
आँखों में तेरी ज़ालिम छुरियाँ छुपी हुई हैं
देखा जिधर को तूने पलकें उठाके मारा
Nigah
सोचा था नही करेगे कभी किसी से मोहब्बत…
पर तुम्हारी उन निगाहो ने…
मेरे दिल को ही मेरे खिलाफ कर दिया…
Chand
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं
चाँद पागल हैं अंधेरे में निकल पड़ता हैं
Tasavvur
जब तस्सवुर मेरा चुपके से तुझे छू आए
देर तक अपने बदन से तेरी खुशबू आए॥
Ilzaam
ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा
रंगीन तो है बदनाम सही
मुझ पर तो कई इल्ज़ाम लगे
तुझ पर भी कोई इल्ज़ाम सही