गीले बाल

तुम एक तकिये में गीले बालों की भर के ख़ुश्बू
जो आज भेजो…
तो नींद आ जाए, सो ही जाऊँ…

Shakl

शक्ल जब बस गई आँखों में तो छुपना कैसा
दिल में घर करके मेरी जान ये परदा कैसा

Palake

आँखों में तेरी ज़ालिम छुरियाँ छुपी हुई हैं 
देखा जिधर को तूने पलकें उठाके मारा

Nigah

सोचा था नही करेगे कभी किसी से मोहब्बत…
पर तुम्हारी उन निगाहो ने…
मेरे दिल को ही मेरे खिलाफ कर दिया…

Chand

रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं 
चाँद पागल हैं अंधेरे में निकल पड़ता हैं 

Ilzaam

ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा 
रंगीन तो है बदनाम सही
मुझ पर तो कई इल्ज़ाम लगे 
तुझ पर भी कोई इल्ज़ाम सही