Yaad उसकी याद आई हैं साँसों ज़रा धीरे चलो धड़कनो से भी इबादत में खलल पड़ता हैं Share this:TwitterFacebookLike Loading...
Khwahish काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर वो आके गले लगा ले मेरी इज़ाजत के बगैर Share this:TwitterFacebookLike Loading...