Adhurapan

लौट आओ वो हिस्सा लेकर, जो साथ ले गये थे तुम..

इस रिश्ते का अधूरापन अब अच्छा नही लगता….!!

Bardasht

“कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है, आज़माइशों के बाद”.!!!

Intzaar

इंतजार तो किसी का भी नहीं है अब,
_____फिर न जाने क्यों________
पीछे पलट कर देखने की आदत गई नहीं।

Etbaar

ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती;
न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता;

तेरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते;
अगर अपनी जिन्दगी का हमें ऐतबार होता।

Zabt

ज़ब्त से काम लिया दिल ने तो क्या फ़ख़्र करूँ
इसमें क्या इश्क की इज़्ज़त थी कि रुसवा न हुआ

Jannat

बाद मरने के मिली जन्नत ख़ुदा का शुक्र है 
मुझको दफ़नाया रफ़ीक़ों ने गली में यार की