Mulakaat चन्द लम्हों के लिए एक मुलाक़ात रही, फिर ना वो तू, ना वो मैं, ना वो रात रही। Share this:TwitterFacebookLike Loading...
Yaade कंजूस कोई जैसे गिनता रहे सिक्कों को, ऐसे ही मैं यादों के लम्हात बरतता हूँ । Share this:TwitterFacebookLike Loading...