Muhabbat

जब हम दिल को समझाने लगते है
कि वो हमे कभी नही मिल सकते..
ना जाने क्यों
तब मोहब्बत और ज्यादा होने लगती है..

Aansu

पलकों में आंसू और दिल में दर्द सोया है
दिल तोड़ने वाला क्या जाने
रोने वाला किस कदर रोया है ।

Nadaan

बड़ी नादान है इस निकम्मे दिल की हरकतें 
जो मिल गया उसकी कदर ही नहीं,
और जो ना मिला उसे भूलता नहीं..

Roshan

अभी तक दिल में रोशन हैं तुम्हारी याद के जुगनू
अभी इस राख में चिन्गारियाँ आराम करती हैं

Jazbaat

आशिक़ी लिखें, दीवानगी लिखें, या
अपनी ख़ामोशी लिखें …
दिल के जज़्बात अब अल्फ़ाज़ नहीं बनते,
आखिर आज क्या लिखें…

Muhabbat

दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती
ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती