Intzaar

इंतजार तो किसी का भी नहीं है अब,
_____फिर न जाने क्यों________
पीछे पलट कर देखने की आदत गई नहीं।

Palake

आँखों में तेरी ज़ालिम छुरियाँ छुपी हुई हैं 
देखा जिधर को तूने पलकें उठाके मारा

Dil

लाखों में इंतिख़ाब के क़ाबिल बना दिया
जिस दिल को तुमने देख लिया दिल बना दिया