Kagaz

हम याद रहे तो ठीक वर्ना #भुला देना
हुई हो अगर खता हमसे तो #सजा देना।
वैसे तो हम #कोरे_कागज़ की तरह है.,
लिखा जाए तो ठीक वर्ना #जला ♨ देना।।

Mazak

हमें सताने की ज़रूरत क्या थी,
दिल मेरा जलाने की ज़रूरत क्या थी,
इश्क नही था मुझसे तो कह दिया होता,
मजाक मेरा यूँ बनाने की ज़रूरत क्या थी