Insaaf मुझे खुदा के इन्साफ पर उस दिन यकीन हो गया जब मैंने अमीर और गरीब का एक जैसा कफ़न देखा Share this:TwitterFacebookLike Loading...
Insaaf मुंसिफ़ हो अगर तुम तो कब इन्साफ़ करोगे मुजरिम हैं अगर हम तो सज़ा क्यूँ नहीं देते Share this:TwitterFacebookLike Loading...