Samandar

समंदर बनके क्या फायदा, बनना है तो तालाब बनो…
जहाँ शेर भी पानी पीता है, लेकिन सर झुका कर

Raat

आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है,
आज की रात न फुटपाथ पे नींद आएगी,
सब उठो, मैं भी उठूँ, तुम भी उठो, तुम भी उठो,
कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जाएगी ।

Garaj baras pyasi dharti par

गरज बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला 
चिड़ियों को दाना, बच्चों को गुड़धानी दे मौला 

दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है 
सोच समझवालों को थोड़ी नादानी दे मौला 

फिर रोशन कर ज़हर का प्याला चमका नई सलीबें 
झूठों की दुनिया में सच को ताबानी दे मौला 

फिर मूरत से बाहर आकर चारों ओर बिखर जा 
फिर मंदिर को कोई मीरा दीवानी दे मौला 

तेरे होते कोई किसी की जान का दुश्मन क्यों हो 
जीने वालों को मरने की आसानी दे मौला

Nida fazli

Diya

आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे 
ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया

Chiraag

बुझने से जिस चिराग ने इंकार कर दिया ,
चक्कर लगा रही हैं हवा उसी के आस पास…!!!