तुम एक तकिये में गीले बालों की भर के ख़ुश्बू
जो आज भेजो…
तो नींद आ जाए, सो ही जाऊँ…
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Tasavvur
जब तस्सवुर मेरा चुपके से तुझे छू आए
देर तक अपने बदन से तेरी खुशबू आए॥
Paraya
वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है
Khushbu
बस गई है मेरे अहसास में ये कैसी महक
कोई ख़ुशबू मैं लगाऊँ तेरी ख़ुशबू आए
Wo chandni ka badan
वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है
Muhabbat ek khushbu hai
मोहब्बत एक खुशबू है, हमेशा साथ रहती है
कोई इन्सान तन्हाई में भी कभी तन्हा नहीं रहता