Nigah

सोचा था नही करेगे कभी किसी से मोहब्बत…
पर तुम्हारी उन निगाहो ने…
मेरे दिल को ही मेरे खिलाफ कर दिया…

Manzil

पाँव उठ सकते नहीं मंज़िले -जानाँ के ख़िलाफ़
और अगर होश की पूछो तो मुझे होश नहीं