Nazar

ना पीने का शौक था, ना पिलाने का शौक था..
हमे तो सिर्फ नजरे मिलाने का शौक था…..
पर हम नजरे ही उनसे मिला बैठे …..
जिनको नजरो से पिलाने का शौक था…..

Chehra

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे 
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे

Khuda

सलीक़ा ही नहीं शायद उसे महसूस करने का
जो कहता है ख़ुदा है तो नज़र आना ज़रूरी है

Asool

उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है
जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है

Nazar

ले दे के अपने पास फ़क़त एक नज़र तो है, 
क्यूँ देखें ज़िन्दगी को किसी की नज़र से हम|

Nazar se dur

नज़र से दूर ना हो दिल से उतर जायेगा
वक़्त का क्या है गुजरता है गुज़र जायेगा

#अहमद_फ़राज़    #Ahmed_Faraz