Bardasht

“कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है, आज़माइशों के बाद”.!!!

Intzaar

इंतजार तो किसी का भी नहीं है अब,
_____फिर न जाने क्यों________
पीछे पलट कर देखने की आदत गई नहीं।