Udas

उदास कर देती है, हर रोज ये शाम मुझे ..!! यूँ लगता है, जैसे कोई भूल रहा हो, मुझे आहिस्ता आहिस्ता..!!

Wasl

कट गई झगड़े में सारी रात वस्ल-ए-यार की
शाम को बोसा लिया था, सुबह तक तक़रार की