Sehar

तुम न आए तो क्या सहर न हुई
हाँ मगर चैन से बसर न हुई
मेरा नाला सुना ज़माने ने
एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई

Adakari

थक  गया  हैं  दर्द  भी,
अपनी  अदाकारी  करते  करते….
ए  ख़ुशी,
कभी  तू  भी  अपना  किरदार  निभा  दे….

Adhurapan

लौट आओ वो हिस्सा लेकर, जो साथ ले गये थे तुम..

इस रिश्ते का अधूरापन अब अच्छा नही लगता….!!

Dard

मुझको ढूँढ ही लेता है रोज किसी न किसी बहाने से
दर्द हो गया है अब वाकिफ मेरे हर ठिकाने से।

Bardasht

“कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है, आज़माइशों के बाद”.!!!

Aansu

पलकों में आंसू और दिल में दर्द सोया है
दिल तोड़ने वाला क्या जाने
रोने वाला किस कदर रोया है ।