तुम न आए तो क्या सहर न हुई
हाँ मगर चैन से बसर न हुई
मेरा नाला सुना ज़माने ने
एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई
Category: Dard bhari shayri
Adakari
थक गया हैं दर्द भी,
अपनी अदाकारी करते करते….
ए ख़ुशी,
कभी तू भी अपना किरदार निभा दे….
Dard
दर्द क्या होता है वो बेवफा क्या जाने
उसे तो हर कदम पर वफ़ा ही मिली है
Adhurapan
लौट आओ वो हिस्सा लेकर, जो साथ ले गये थे तुम..
इस रिश्ते का अधूरापन अब अच्छा नही लगता….!!
Dard
मुझको ढूँढ ही लेता है रोज किसी न किसी बहाने से
दर्द हो गया है अब वाकिफ मेरे हर ठिकाने से।
Bardasht
“कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है, आज़माइशों के बाद”.!!!
Janaza
जनाजा मेरा देखकर….बोली वो….!!
वो ही मरा क्या, जो मुझ पर मरता था….!!!
Dard
सारे दर्द मुझे ही सौंपे उसने
शायद उसे मुझ पे ऐतबार बहुत था
Shukriya
चाहे दर्द मिला या सुकुन पाया,
पर सुन, तेरा शुक्रिया, तुने इश्क से मिलवाया
Aansu
पलकों में आंसू और दिल में दर्द सोया है
दिल तोड़ने वाला क्या जाने
रोने वाला किस कदर रोया है ।